बांग्लादेश में तख्तापलट की आहट?

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बांग्लादेश में राजनीतिक संकट: सेना बनाम यूनुस सरकार

सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान का तीखा हमला

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता अपने चरम पर है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने मोहम्मद यूनुस सरकार को “अवैध” करार देकर बवाल मचा दिया है। उन्होंने कहा कि सेना संविधान की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।

मोहम्मद यूनुस की प्रतिक्रिया: इस्तीफे की धमकी

मोहम्मद यूनुस ने सेना की कार्रवाई को “तानाशाही की ओर पहला कदम” बताया है और इस्तीफे की चेतावनी दी है। उन्होंने सेना पर विपक्ष और चरमपंथी संगठनों से मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया।

ढाका में सैन्य हलचल

राजधानी ढाका में सैन्य गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। कई सरकारी इमारतों और संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे तख्तापलट की आशंका गहराई है।

अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण

भारत, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और चीन की नजरें बांग्लादेश पर टिकी हैं। अमेरिका ने इस स्थिति को “अत्यंत संवेदनशील” बताया है जबकि भारत ने लोकतांत्रिक मूल्यों के समर्थन की बात की है।

यूनुस सरकार की आलोचना और सेना का पक्ष

यूनुस सरकार पर मीडिया सेंसरशिप, धार्मिक असहिष्णुता और आर्थिक असमानता के आरोप लगते रहे हैं। सेना इन्हीं कारणों को आधार बनाकर सरकार की वैधता पर सवाल उठा रही है।

बांग्लादेश का इतिहास: क्या फिर तख्तापलट?

1975, 1982, 1987 और 1990 में भी बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट हो चुके हैं। आज की परिस्थितियाँ फिर वही संकेत दे रही हैं।

सोशल मीडिया और जनआंदोलन

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आंशिक रोक लगाई है। ढाका में छात्र संगठन, नारी समूह और मानवाधिकार कार्यकर्ता सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

यूनुस की नीतियाँ: आर्थिक मदद या राजनीतिक लाभ?

ग्रामीण बैंक मॉडल के जरिए गरीबों को आर्थिक मदद दी गई, लेकिन आरोप हैं कि इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया गया।

बांग्लादेश की अगली दिशा

राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि बांग्लादेश में जल्द ही आपातकाल या राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।

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