29जनवरी की रात महाकुंभ मेले में एक भयंकर घटना घटी, जिसमें भगदड़ मचने से लगभग 30 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों लोग लापता हो गए। सरकारी आंकड़ों को लेकर अभी भी परस्पर विरोध जारी है।प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर विशेष स्नान की व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने विश्व स्तरीय इंतजाम होने के दावे किए थे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही रही। भारी भीड़ के चलते मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई, जिनके इस दुनिया से चले गये उनका परेशान होना स्वभाविक है।

लेकिन इस मामले को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। राजनीतिज्ञाो के अलावा साधु संत भी सरकार व प्रशासन का विरोध कर रहे हैं।चार पीठों में से एक प्रसिद्ध पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर आलोचना की है । उन्होंने कहा कि योगी ने घटना के अठारह घंटे बाद भी संतों व श्रद्धालुऔ से घटना को छुपाने की कोशिश की। योगी जी ने कहा था कि संतो को स्नान के लिए मना लिया गया है, अब वे स्नान कर करंगे लेकिन सूतक काल लग गया था संत सूतक काल मे न स्नान करते है न अन्न खाते हैं। योगी जी ने झूठ बोला था। झूठ बोलने वाले को मुख्य मंत्री नही बनाना चाहिए उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ मेले के दौरान ही उनकी जगह किसी सक्षम व्यक्ति को रखा जाए। वे इतने सक्षम नहीं हैं जो महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन की व्यवस्था सम्भाल सकें। उन्होंने आगे कहा में मोदी जी, अमित शाह जी व नडडा जी से अनुरोध करता हूँ कि महा कुम्भ मेले के दौरान ही किसी सक्ष्म व्यक्ति को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दें। योगी सरकार व प्रशासन घटना को छुपाने का प्रयास करता रहा। सच तो यह है कि सरकार भीड़ का प्रबंधन करने में विफल रही। सरकार अभि तक मृतको व लापता लोगो का अधिकृत आकड़ा तक नहीं दे सकी है।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के विरोध में भी संत व कुछ लोग खड़े हो गए हैं।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पूरी ने कहा को उनकी शंकरचार्य बनने की वसीयत फ़र्ज़ी है। इसकी जांच कराई जाऐI सोशल मीडिया पर उन्हें मौलाना तक कहा जा रहा है। शंकराचार्य पर आरोप लग रहा है। की वे विपक्ष की भाषा बोल रहे है, और उन्हे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीब बताया जा रहा है।योगी जी के प्रशंसक उनपर तरह तरह की टिप्पणियां कर रहे हैंI प्रेमानंद महराज, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेशानंद के पक्ष में आ गये हैं,उन्होने कहा है , की वे चार पीठो में से एक बड़ी पीठ के शंकराचार्य है और शंकराचार्य झूठ नहीं बोलते हैं।
हिन्दूवादी और हिन्दू अतिवादियों में अन्तर इसी बात से पता लगता है ।
Sab rajniti hai.Aam log zsyadatar achchhe hi hotey hai.