दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 वर्षों के बाद सत्ता में वापसी करते हुए 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है।जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा।इस चुनाव में आम आदमी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह लचर स्थिति में आ गया। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती, दुर्गेश पाठक जैसे शीर्ष नेता हार गए।
भाजपा की इस सफलता का श्रेय उनके सटीक चुनाव प्रबंधन, जातिगत समीकरणों की समझ, और सभी वर्गों तक पहुंच बनाने की रणनीति को दिया जा रहा है।
इस जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में विकास, विजन और विश्वास की जीत हुई है, जबकि आडंबर, अराजकता, अहंकार और ‘आप-दा’ की हार हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के पहले विधानसभा सत्र में ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी, भ्रष्टाचार की जांच होगी, और जिन्होंने भी लूटा है, उन्हें लौटाना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के समग्र विकास का वादा करते हुए कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार दिल्ली का डबल तेजी से विकास करेगी। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, टूटी सड़कों और सीवरेज की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। इसके साथ ही, यमुना नदी की सफाई और उसे दिल्ली की पहचान बनाने का संकल्प भी व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली की जनता ने ‘आप-दा’ को बाहर कर दिया है और शॉर्ट कट वाली राजनीति का शॉर्ट सर्किट कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा रिफॉर्म-परफॉर्म की गारंटी देती है और दिल्ली को विकसित भारत की विकसित राजधानी बनाने के लिए काम करेगी।
इस जीत के साथ, भाजपा ने दिल्ली में लगभग तीन दशकों बाद सत्ता में वापसी की है, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।भाजपा दिल्ली में सरकार बना रही हैं, इस जीत से उनके शीर्ष नेतृत्व से लेकर समान्य कार्यकर्ता तक में जोश व आत्म विश्वास बढ़ेगा। और राष्ट्रीय स्तर पर भी लाभ मिलेगा। हालाकि इलेक्शन कमिशन व प्रशासन की भूमिका पर पूरे चुनाव में सवाल उठाये जाते रहे। और इन पर भाजपा के लिए काम करने के आरोप लगाये जाते रहे।