अमेरिका ने 18000 भारतियों का वापिस भेजना शुरू किया।

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ट्रंप ने शपथ लेते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। अपने अहम मिशन के तहत उन्होंने अमेरिका से अवैध प्रवासियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। ट्रंप प्रशासन ने 15 लाख अवैध प्रवासियों की सूची तैयार की है। इन्हें गिरफ्तार कर वापस इनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी सिलसिले में कल अमेरिकी सेना के मालवाहक जहाज सी-17 से 205 भारतीयों का पहला जत्था भारत भेजा गया, जो बुधवार सुबह 9 बजे पंजाब के गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगा। अब तक अमेरिका में भारत के 18000 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अमेरिकी प्रशासन ने भारत के विदेश मंत्री जयशंकर सिंह को उनके हालिया दौरे में स्थिति से अवगत कराया था। और भारत और अमेरिका दोनों ने मिलकर इन 18000 अवैध प्रवासियों की जांच की है। यह नहीं कहा जा सकता कि इन्हें भेजने में जो 4 लाख रुपए का खर्च आ रहा है, इस खर्च को कौन उठाएगा, भारत या अमेरिका?

कल जब यह जत्था पंजाब पहुंचेगा, तो एयरपोर्ट पर इनकी गहनता से जांच की जाएगी। इनमें से कुछ ऐसे व्यक्ति भी हो सकते हैं जो भारत में अपराध करके फरार हो गए हों, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ट्रंप के शपथ लेने के 11 दिनों के भीतर ही मैक्सिको सीमा पर घुसपैठ की घटनाओं में 94 फीसदी की कमी आई है। भारत से आए जिन 18000 अवैध प्रवासियों की पहचान की गई है, उनमें से ज्यादातर का संबंध गुजरात से है। इन अवैध प्रवासियों को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचनात्मक टिप्पणियां की जा रही हैं। लोग सरकार पर भी निशाना साध रहे हैं। कि सरकार अमेरिकी प्रशासन पर दबाव नहीं बना पाई, क्योंकि अब तक जो वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें इन लोगों के हाथ और कमर को जंजीरो से बांधकर जहाज पर चढ़ने दिया जा रहा है। खैर, ये लोग वहां अवैध प्रवासी के तौर पर गए थे और वहां के कानून के मुताबिक दोषी थे। दूसरे देश की सरकार इसमें दखल नहीं दे सकती। हां, यह नहीं कहा जा सकता कि इस मुद्दे को कूटनीतिक तरीके से सुलझाया जा सकता था या नहींI

सोशल मीडिया पर कुच्छ लोग केंद्र सरकार से पूछ रहे हैं, कि आप बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को कब वापस भेजोगे। आप इस मुद्दे को लेकर अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक दशक से वादा कर रहे हैं।

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