संभल मस्जिद रंगाई-पुताई विवाद: ASI की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आज

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संभल शाही मस्जिद की रंगाई-पुताई विवाद पर क्या हाईकोर्ट आज अंतिम फैसला सुनाएगा? ASI की रिपोर्ट पर कोर्ट का रुख क्या होगा? क्या ASI मस्जिद के पक्ष में रिपोर्ट देगी? जानिए इस अहम मामले की पूरी अपडेट।

संभल: शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई को लेकर चल रहे विवाद में आज बड़ा फैसला आ सकता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को आज मस्जिद कमेटी की 3 मार्च को दायर की गई आपत्तियों पर जवाब दाखिल करना है। इसके बाद हाईकोर्ट तय करेगा कि मस्जिद की रंगाई-पुताई होगी या नहीं।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

करीब एक महीने पहले, रमज़ान को ध्यान में रखते हुए मस्जिद कमेटी ने डीएम संभल के जरिए ASI से मस्जिद की रंगाई-पुताई की अनुमति मांगी। लेकिन ASI ने इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मस्जिद कमेटी हाईकोर्ट पहुंची।

27 फरवरी को हाईकोर्ट ने एक समिति गठित कर रिपोर्ट मांगी कि मस्जिद की renovation की ज़रूरत है या नहीं। 28 फरवरी को समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि painting की आवश्यकता नहीं है। इस आधार पर, हाईकोर्ट ने केवल cleaning की अनुमति दी।

मस्जिद कमेटी को 3 मार्च तक इस निर्णय पर आपत्ति दर्ज कराने का मौका मिला। 4 मार्च को कोर्ट ने ASI को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने के लिए 10 मार्च तक का समय दिया। अब सवाल यह है कि ASI अपनी रिपोर्ट में क्या कहेगा, और हाईकोर्ट क्या फैसला सुनाएगा?

शाही जामा मस्जिद विवाद: पृष्ठभूमि

  • 19 नवंबर – जिला कोर्ट ने Hindu side की याचिका पर मस्जिद का survey कराने का आदेश दिया। आदेश मिलते ही survey team मस्जिद पहुंच गई।
  • 24 नवंबर – सुबह 6 बजे सर्वे टीम दोबारा पहुंची। मस्जिद कमेटी ने आरोप लगाया कि उन्हें रात में देर से सूचना दी गई।
  • 24 नवंबर को हिंसा – इस दिन संभल के इतिहास में काले दिन के रूप में जुड़ गया। हजारों लोग Jama Masjid के बाहर इकट्ठा हुए और पुलिस से झड़प हो गई। इस झड़प में 4 deaths हो गईं।

इसके बाद मामला political issue बनने लगा। कई दलों ने बयान दिए, और आज तक यह मुद्दा सुर्खियों में बना हुआ है।

अब आगे क्या?

अब निगाहें High Court पर टिकी हैं। क्या mosque painting की अनुमति मिलेगी या नहीं? क्या ASI report मस्जिद कमेटी के पक्ष में होगी? या कोर्ट अपने पुराने फैसले को बरकरार रखेगा? इस फैसले के दूरगामी असर हो सकते हैं।

आपकी राय क्या है?

क्या ASI का फैसला सही था, या मस्जिद कमेटी को restoration की अनुमति मिलनी चाहिए? अपनी राय हमें comment section में जरूर बताएं।

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