कुशीनगर की मदनी मस्जिद (Kushinagar Madni Masjid) ध्वस्तीकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया। अदालत ने पूछा कि प्रशासन के खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों न हो। जानिए पूरी खबर।
Madni Mosque demolition case
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में मदनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने यूपी प्रशासन को अवमानना नोटिस (Supreme Court contempt notice) जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। अदालत ने सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है और अगले आदेश तक किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
क्या है पूरा मामला?
9 फरवरी 2025 को कुशीनगर जिला प्रशासन ने मदनी मस्जिद के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया था। प्रशासन का दावा था कि यह अवैध निर्माण था, जबकि मस्जिद कमेटी का कहना है कि यह ढांचा पूरी तरह से वैध था और इसे नगर पालिका की स्वीकृत योजना के तहत बनाया गया था। मस्जिद कमेटी ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के यह कार्रवाई की गई।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर 2024 को आदेश दिया था कि बिना पूर्व सूचना और सुनवाई के किसी भी धार्मिक या अन्य ढांचे को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, मस्जिद को गिरा दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा,
“यह प्रस्तुत किया गया है कि इन परिसरों में जो तोड़फोड़ की गई है, वह इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों की घोर अवमानना है। नोटिस जारी किया जाए कि प्रतिवादी (जिलाधिकारी) के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।”
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च 2025 को तय की है और तब तक किसी भी तरह की नई तोड़फोड़ कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है।
प्रशासन और सरकार पर सवाल
इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कार्रवाई क्यों की गई? क्या यह प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग था?
मदनी मस्जिद विध्वंस मामले ने धार्मिक स्थलों पर प्रशासनिक कार्रवाई की वैधता और न्यायपालिका के आदेशों के अनुपालन को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। अब सबकी निगाहें 18 मार्च की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि क्या यूपी सरकार को इस मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।