नागपुर हिंसा के बाद बुलडोजर एक्शन पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगाई। प्रमुख आरोपी फहीम खान और यूसुफ शेख के घर गिराए जाने पर कोर्ट ने प्रशासन से जवाब मांगा। अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।
कोर्ट के निर्देशों के बावजूद राज्य सरकारें मनमाने ढंग से बुलडोजर का इस्तेमाल कर रही हैं। नागपुर में
हिंसा के आरोपियों के खिलाफ चलाए गए बुलडोजर एक्शन पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने
रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में फहीम खान और यूसुफ शेख की संपत्तियों को गिराने के फैसले पर आपत्ति जताते
हुए सरकार और नागपुर नगर निगम (NMC) से जवाब तलब किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल
को होगी और तब तक बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगी रहेगी।
क्या है मामला?
नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने योगी सरकार के मॉडल को अपनाते हुए आरोपियों के घरों पर बुलडोजर
चला दिया। प्रमुख आरोपी फहीम खान और यूसुफ शेख के घरों को अवैध निर्माण बताकर गिरा दिया गया।
परिवारवालों ने इसे अत्याचार करार देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने तत्काल कार्रवाई पर
रोक लगाते हुए प्रशासन को नोटिस जारी किया। सवाल यह भी है कि अगर निर्माण अवैध था तो उसे हिंसा के बाद ही क्यों
संज्ञान में लिया गया? पहले ही कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
भाई ने लगाया अवैध तोड़फोड़ का आरोप
यूसुफ शेख के भाई अयाज खान ने NMC पर आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घर को तोड़
दिया गया। उनका कहना है कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की गई है।
कोर्ट ने भी प्रशासन की जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं।
यदि कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ, तो यह कार्रवाई अवैध मानी जाएगी।
आगे क्या होगा?
अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी, जिसमें प्रशासन को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस
दौरान कोई और संपत्ति गिराने की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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Lashkar bhi tumhara Hai sardar tumhara Hai Tum jhooth ko Sach likh do akhbar tumhara Hai…. Afsos nai hai lekin ye azmaish ka dur hai ye bhi guzar jaega in sha ALLAH muslamano ko himmat ata kare mera ALLAH