होली साल में 1 बार, जुमे 52 बार” – संभल पुलिस अधिकारी के बयान से विवाद

Spread the views

संभल में होली और जुमे की नमाज को लेकर पुलिस अधिकारी के बयान पर बवाल मच गया। मुस्लिम समुदाय असहज, विपक्ष ने इसे पक्षपातपूर्ण करार देते हुए कार्रवाई की मांग की। पढ़ें पूरी खबर!

संभल जिले में होली और रमजान के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा शांति समिति की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में संभल के सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज चौधरी का बयान विवाद का कारण बन गया। उन्होंने कहा—

“होली का त्योहार साल में एक बार आता है, जबकि शुक्रवार की नमाज 52 बार होती है। अगर किसी को होली के रंगों से दिक्कत है या उनका धर्म भ्रष्ट होता है, तो वह उस दिन घर के अंदर रह सकता है। जो बाहर निकलें, वे मन बड़ा करके निकलें और खुले मन से त्योहारों का आनंद लें, क्योंकि पर्व हमें जोड़ने के लिए होते हैं।”

राजनीतिक घमासान, विपक्ष ने जताई नाराजगी

सीओ साहब के इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता शर्वेंद्र विक्रम सिंह ने इसे भाजपा की विचारधारा को बढ़ावा देने वाला बयान बताया और अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की।

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश मीडिया समिति के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी ने कहा कि “कोई भी अधिकारी धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए, अन्यथा यह अराजकता को जन्म देगा।”

पुलिस प्रशासन का पक्ष

सीओ अनुज चौधरी ने अपने बयान में आगे कहा—

“जैसे मुस्लिम समुदाय ईद का इंतजार करता है, वैसे ही हिंदू समुदाय होली का। दोनों को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।”

उन्होंने अपील की कि कोई किसी पर जबरदस्ती रंग न लगाए, और प्रशासन की ओर से शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि “अगर कोई सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तो प्रशासन उससे सख्ती से निपटेगा।”

हालांकि, मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने इस बयान को असहज करने वाला बताया। विपक्ष ने इसे “पक्षपातपूर्ण मानसिकता” करार देते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी को धार्मिक मामलों पर ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए, जिससे किसी समुदाय को असहज महसूस हो।

मस्जिद विवाद का इतिहास

संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद 19 नवंबर 2024 को तब शुरू हुआ, जब कुछ हिंदू संगठनों ने दावा किया कि मस्जिद के स्थान पर पहले “हरिहर मंदिर” था।

  • उसी दिन कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया।
  • शाम को जब सर्वे हुआ, तो मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में वहाँ इकट्ठा हो गए।
  • 24 नवंबर को जब दोबारा सर्वे हुआ, तो हिंसा भड़क उठी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें चार युवकों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए।
  • तब से यह विवाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस मुद्दे पर राजनीतिक दल लगातार बयानबाज़ी कर रहे हैं।


संबंधित खबरें

शाही जामा मस्जिद, संभल: रंगाई-पुताई विवाद पर हाईकोर्ट सख्त, ASI को 10 मार्च तक जवाब देने के निर्देश

स्रोत और अतिरिक्त जानकारी


संबंधित खबरें (External Sources)

आपकी राय-आप इस बयान को किस नजरिए से देखते हैं? क्या प्रशासन को धार्मिक बयानों से बचना चाहिए या यह बयान सौहार्द बनाए रखने के लिए जरूरी था? अपनी राय नीचे कमेंट करें।

1 thought on “होली साल में 1 बार, जुमे 52 बार” – संभल पुलिस अधिकारी के बयान से विवाद”

  1. माहौल में ज़हर डालने का प्रायोजित कार्यक्रम जारी है।

    Reply

Leave a Comment