उत्तर प्रदेश के संभल में हर साल आयोजित होने वाले नेजा मेले पर रोक लगाने के बाद विवाद गहराता जा रहा है। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सैयद सालार मसूद गाजी एक सूफी संत थे और उन्हें गलत ठहराने वाले अधिकारी को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
क्या है मामला?
संभल में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में हर साल नेजा मेला आयोजित किया जाता है। इस बार प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मेले पर रोक लगा दी। इस फैसले के बाद राजनीतिक घमासान मच गया।
ASP श्रीशचंद ने मेले को रोकने के दौरान मसूद गाजी को हत्यारा और लुटेरा बताया, जिससे विवाद और भड़क गया। सपा सांसद बर्क ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता है।
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सपा सांसद का बयान
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा:
“संविधान की शपथ लेने वाले अधिकारी किसी की आस्था का अपमान कैसे कर सकते हैं? ऐसे अधिकारी को बर्खास्त किया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को धार्मिक आयोजनों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
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आगे क्या होगा?
सपा सांसद ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की मांग की है। उधर, स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि फैसले को सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
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स्रोत
Today Group | दैनिक भास्कर लोकल प्रतिनिधि
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