प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर विशेष स्नान की व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने विश्व स्तरीय इंतजाम होने के दावे किए थे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही रही। भारी भीड़ के चलते मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है और 30 घायल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घायलों और मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। इसके अलावा, कुछ समाचार पत्रों और रिपोर्टरों का कहना है कि यह संख्या 30, 40, 50 या 60 तक हो सकती है। हर कोई अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहा है कि घायलों की वास्तविक संख्या कितनी हो सकती है।मेला के केन्द्रीय अस्पताल में घायलों का इलाज जारी है, और कुछ लोगों का इलाज कुर्सियों पर बैठाकर भी किया जा रहा है। इस से ज्ञात होता है, घटना कितनी गम्भीर है।

एक शर्मनाक बयान उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने दिया। मंत्री ने 30 लोगों के मारे जाने और इतने बहुत से लोगो के घायल होने को “छोटी-मोटी घटना” बताया। जिस पर लोगो और विपक्ष में रोष हैं। हालांकि, बाद में मंत्री ने अपनी टिप्पणी वापस लेते हुए कहा कि यह बयान अनजाने में उनके मुंह से निकल गया था। यदि किसी को इससे ठेस पहुँची हो, तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं। मेले मे तैनात एक जिम्मेदार महिला अधिकारी ने भी गैर जिम्मेदारना बयान देते हुए, इसे छोटी घटना बताया थाI
इस हृदय विदारक घटना के बावजूद, प्रशासन का रवैया बेहद निराशाजनक बना हुआ है। वे दिन भर कहता रहा कि सब कुच्छ समान्य चल रहा है। लोग स्नान कर रहे हैं। लेकिन खबर यह है कि बहुत से अखाड़ो ने स्नान नही किया उन्होंने कहा कि महुर्त का समय निकल गया, अब हम अग्ला स्नान बसंत पंचमी पर करंगे। प्रशासन खुलकर इसे बड़ी घटना या भगदड़ मानने को तैयार नहीं है। शाम को मेला प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की लेकिन जब पत्रकारों ने प्रश्न किये तो पुलिस अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ कर चले गये ।