रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए ट्रंप और जलेनस्की की शांति वार्ता पर सहमति, जिसमें ट्रंप की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।। क्या यह युद्ध समाप्ति की दिशा में एक कदम हो सकता है?
डोनाल्ड ट्रंप जब से राष्ट्रपति बने हैं उनके निर्णय या उठाए गये क़दम विश्व भर में चर्चा का विषय बने हुए है।आलोचको व बुद्धिजीवी वर्ग कहना है कि उनका हर निर्णय अमेरिका संप्रुभवता व दबदबा बढ़ाने के लिए हैं। इज़राईल- हमास शांती समझोते में कही न कहीं परदे के पीछे उन्ही की शक्ति थी ऐसा सभी मानते हैं। इसी कड़ी में अब बारी है, रूस व युक्रेन के संघर्ष को समाप्त कराने की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। उन्होंने पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फिर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से फोन पर बातचीत की। ट्रंप ने दोनों देशों से तुरंत शांति वार्ता शुरू करने की अपील की और इसके लिए विदेश मंत्री मार्को रुबियो, CIA निदेशक जॉन रैटक्लिफ, NSA माइकल वाल्ट्ज और राजदूत स्टीव विटकॉफ को वार्ता का नेतृत्व करने का निर्देश दिया।
ज़ेलेंस्की ने ट्रंप के साथ अपनी चर्चा को “सार्थक” बताया और अमेरिका के साथ मिलकर शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट से मुलाकात हुई, जिसमें सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट से सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और संसाधन साझेदारी पर चर्चा हुई।
राष्ट्रपति ट्रंप ने पुतिन से हुई बातचीत साझा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ मिलकर, वे रूसी आक्रामकता रोकने और स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं। ट्रंप ने कहा, “चलो इसे पूरा करते हैं।”
इससे पहले, ट्रंप और पुतिन के बीच भी कई अहम मुद्दों, जैसे कि मिडिल ईस्ट संकट, ऊर्जा, एआई और डॉलर पर चर्चा हुई थी। पुतिन ने ट्रंप को मॉस्को आने का निमंत्रण भी दिया।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में अब तक लाखों लोग मारे गए हैं और दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है।
मानवीय हताहत:
यूक्रेन: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार मिशन के अनुसार, अगस्त 2024 तक कम से कम 11,743 यूक्रेनी नागरिक मारे गए हैं और 24,614 घायल हुए हैं।
रूस: नाटो प्रमुख मार्क रुटे के अनुसार, युद्ध में रूस के भी बड़ी तादाद में सैनिक मारे गए हैं।
आर्थिक नुकसान:
यूक्रेन: रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध के कारण यूक्रेन की अर्थव्यवस्था में 2022 में 33% की गिरावट आई, जबकि 2023 में यह 22% कम रही। विश्व बैंक और अन्य संगठनों के अनुसार, यूक्रेन को अब तक 152 अरब डॉलर का सीधा नुकसान हुआ है, और पुनर्निर्माण की कुल लागत 486 अरब डॉलर के आसपास अनुमानित है।
रूस: अमेरिकी पत्रिका ‘न्यूज़वीक’ के अनुसार, युद्ध के पहले वर्ष में रूस को 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
विस्थापन:
यूक्रेन में युद्ध के कारण 6 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें कई लाख नागरिक विदेश में शरण ले चुके हैं।
यह आंकड़े समय के साथ बदल सकते हैं, क्योंकि युद्ध अभी भी जारी है और स्थिति में निरंतर परिवर्तन हो रहा है।
अब उम्मीद की जा रही है कि इस युद्ध को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता जल्द शुरू हो सकती है।भले ही अमेरिका अपनी चौधराहट दिखाने व अपने दबदबे को बरकरार रखने के लिये इस जंग का खत्म कराना चाहता हो, लेकिन इस में उसके आर्थिक हित भी हैं। क्यांकि उसको यूक्रेन व नाटो की आर्थिक सहायता मे भारी भरकम धन खर्च करना पड़ रहा है। जो भी हो इस युद्ध के समाप्त होना मानवता के हित में हैं।
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सारा खेल पैसे और सामरिक दबदबे का है वर्ना कोई देश दूसरे के युद्ध में इतनी रुचि नहीं लेता।
अच्छा लेख।
हाँ, यह सच है। क्योंकि अमेरिका की आर्थिक स्थिति भी पहले जैसी नहीं है। उनके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है। अगर उन्हें युद्ध के हथियारों की बिक्री से होने वाले मुनाफे से ज्यादा मदद देनी पड़े तो वे निश्चित रूप से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। क्या वह मूर्ख है? युद्ध कराना एक व्यवसाय है।