अमेरिका से लौटे भारतीयों का दर्द:पगड़ी हटाई, हथकड़ी पहनाई

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अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय प्रवासियों ने बताया कि फ्लाइट में चढ़ने से पहले उनकी पगड़ी उतारने को कहा गया और हथकड़ी पहनाई गई। इस घटना पर पंजाब सरकार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने नाराजगी जताई है। जानिए पूरी खबर।

US Deportation Policy और भारतीय प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार

15 जनवरी शनिवार को अमेरिका में अवैध अप्रवासियों का दूसरा जत्था अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा लेकिन उनके साथ पहले की भांती ही अमानवीय व्यवहार किया गया। अमृतसर में अमेरिका का C–17 जहाज 116 भारतीयों को लेकर उतरा. इस बार भी यात्रियों को अमेरिका ने हथकड़ी और बेड़ियों में भेजा.जबकि आशा यह की जा रही थी , प्रधानमत्री मोदी की अमेरिका यात्रा से हालात बदलेंगे और अवेध अप्रवासियों के साथ मानविय व्यवहार किया जाएगा। अमेरिका से भारत लौटे अवैध प्रवासियों के साथ हुए व्यवहार को लेकर देशभर में नाराजगी देखी जा रही है। इस मुद्दे ने खासकर पंजाब में गहरी चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि इनमें से कई यात्री पंजाबी समुदाय से आते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका से निर्वासित किए जा रहे भारतीयों को फ्लाइट में चढ़ने से पहले उनकी पगड़ी उतरवाने को मजबूर किया गया। इतना ही नहीं, उनके हाथों में हथकड़ी भी लगी हुई थी, जिससे यह पूरी घटना और भी अपमानजनक लग रही है।

अमेरिका से लौटे प्रवासियों की दर्दभरी दास्तान-Turban Removal Issue और सिखों की धार्मिक पहचान पर हमला

अमेरिका से निर्वासित किए गए कई भारतीयों ने बताया कि उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया। यशपाल सिंह, जो 44 लाख रुपए खर्च करके अमेरिका पहुंचे थे, ने अपनी आपबीती साझा करते हुए कहा,
“जब हमें अमेरिका से डिपोर्ट किया गया, तो फ्लाइट में चढ़ने से पहले हमारी पगड़ी उतरवा दी गई। जब हम भारत पहुंचे, तो हमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सिरोपा दिया गया, लेकिन वह इतना बड़ा नहीं था कि हम अपने पूरे केश ढक सकें। ऐसे में हमें मजबूरी में टोपी पहनकर बाल छिपाने पड़े।”

यह सिर्फ यशपाल सिंह की ही नहीं, बल्कि कई अन्य प्रवासियों की भी कहानी है। जब पहली फ्लाइट से निर्वासित भारतीय लौटे थे, तब भी कुछ लोगों की पगड़ी सिर से गायब थी। अब जब दूसरी फ्लाइट आई, तो वही स्थिति दोहराई गई। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या जानबूझकर सिख समुदाय के लोगों का अपमान किया जा रहा है?

कैबिनेट मंत्री और एसजीपीसी ने जताई नाराजगी (Punjab Government Reaction)

इस घटना पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि,
“हमने पहली बार भी इस मुद्दे को उठाया था और फिर से उठाएंगे। लेकिन दुख की बात यह है कि इतना कुछ कहने के बावजूद कुछ भी नहीं बदला। अगर यही हाल रहा, तो तीसरी फ्लाइट से आने वाले युवा भी डरे हुए होंगे और उनके सिर पर पगड़ी नहीं होगी।”

Sikh Identity और Religious Disrespect in America

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। कमेटी का कहना है कि,
“हम हमेशा से एयरपोर्ट पर सिरोपा उपलब्ध करवाते हैं ताकि सिख यात्रियों का सम्मान बना रहे। इस बार भी हमने 15 सिरोपे वहां रखवाए थे, लेकिन यह अपमानजनक है कि लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के साथ फ्लाइट में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई।”

हथकड़ी का अपमानजनक पहलू

Handcuffed Indians और अमेरिका में अवैध प्रवासियों की दुर्दशा -यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों के साथ ऐसा बर्ताव किया है। इससे पहले भी जब भारतीयों को डिपोर्ट किया गया था, तब भी हथकड़ी लगाए जाने को लेकर विवाद हुआ था। लेकिन अमेरिका ने इस बार भी किसी तरह की रियायत नहीं दी।

जब इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे प्रोटोकॉल का हिस्सा बताया। हालांकि, विपक्ष इस जवाब से संतुष्ट नहीं है और लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है।

पंजाब में बढ़ रहा गुस्सा, सरकार पर सवाल

इस घटना के बाद पंजाब में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। विपक्षी दलों ने इसे भारतीयों का अपमान बताया है और केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद एयरपोर्ट पर मौजूद थे और लंबे समय तक स्थिति का जायजा लेते रहे। हालांकि, सरकार अब तक इस मामले पर अमेरिका से कोई ठोस जवाब लेने में असफल रही है।

अब आगे क्या?

यह सवाल बेहद महत्वपूर्ण है कि क्या अमेरिका भविष्य में भी भारतीयों के साथ इसी तरह का व्यवहार करता रहेगा?

क्या भारतीय सरकार इस मुद्दे को अमेरिका के सामने मजबूती से उठाएगी?

क्या सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं का बार-बार अपमान होता रहेगा?

क्या अवैध प्रवासियों के साथ ऐसा बर्ताव करना जरूरी है या यह सिर्फ भेदभाव है?

इन सवालों के जवाब आना बाकी हैं। लेकिन एक बात साफ है— भारतीयों का सम्मान किसी भी देश में गिरवी नहीं रखा जा सकता।अब देखने वाली बात होगी कि सरकार (Modi Government)की चुप्पीइस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या अमेरिका अपने व्यवहार में कोई बदलाव करता है या नहीं।

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