कांग्रेस में घमासान – सत्ता का संघर्ष या सिर्फ शोर?
कर्नाटक कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान तेज हो गई है। अब तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी इस लड़ाई में कूद पड़े हैं। वीरप्पा मोइली ने भी इस दावे का समर्थन करते हुए कहा कि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन राजनीति में सिर्फ मेहनत से कुछ नहीं होता…
सत्ता या सिर्फ सपना?
अब कांग्रेस का संकट यह है कि बीजेपी से लड़ाई बाद में लड़ी जाएगी, पहले पार्टी के अंदर ही जंग निपटानी पड़ेगी। शिवकुमार गुट और सिद्धारमैया गुट दोनों ही अपनी-अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं। लेकिन सवाल सिर्फ कर्नाटक का नहीं है!…
क्या कांग्रेस फिर अपने ही जाल में फंस जाएगी?
हालांकि, आलाकमान कर्नाटक में चुनाव के दौरान सबको एकजुट रखने में सफल रहा और कांग्रेस ने जबरदस्त जीत भी हासिल की। लेकिन सत्ता की कुर्सी मिलते ही नेताओं की महत्वाकांक्षाएं हावी होने लगीं।…
अंतिम निष्कर्ष
राजनीति में कुछ भी संभव है – अब इंतजार कीजिए, दिसंबर तक इस खेल में और कितने ट्विस्ट आते हैं, या फिर ये सिर्फ शिवकुमार गुट का प्रचार भर बनकर रह जाता है!
स्रोत (Aaj Tak | India Today Group)